Description
“In our Hinduism use of cow dung is to be believed sacred, cow dung has various properties such as the burning of dung acts as an antiseptic and kills bacteria and virus present in the environment. We are believing in 100% eco-friendly concept as we are not using cow milk, curd, or ghee to make this diya .cow dung has natural microbial characteristics and prevents any plants from bacteria and fungus, also cow dung consists so many minerals which are very useful for soil and plants for its healthy growth.”
“गोमय वसते लक्ष्मी” अर्थात गोबर में लक्ष्मी का वास है और “गौमूत्र धन्वन्तरी” अर्थात गौमूत्र में भगवान धन्वन्तरी का निवास है| गौघृत में मनुष्य – शरीर में पहुंचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता हैं । अग्नि में गाय का घी कि आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है,वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदूषण और आण्विक विकरणों से मुक्त हो जाता हैं । सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि एक चम्मच गौघृत को अग्नि में डालने से एक टन प्राणवायु (ऑक्सीजन) बनती हैं जो अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं हैं| गाय का घी और चावल की आहुती डालने से महत्वपूर्ण गैसे जैसे – एथिलीन ऑक्साइड,प्रोपिलीन ऑक्साइड, फॉर्मल्डीहाइड आदि उत्पन्न होती हैं । इथिलीन ऑक्साइड गैस आजकल सबसे अधिक प्रयुक्त होनेवाली जीवाणुरोधक गैस है,जो शल्य-चिकित्सा (ऑपरेशन थियेटर) से लेकर जीवनरक्षक औषधियाँ बनाने तक में उपयोगी हैं । वैज्ञानिक प्रोपिलीन ऑक्साइड गैस को कृत्रिम वर्षो का आधार मानते है । पंचगव्य दीया 100% प्राकृतिक उत्पाद है जो सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है। यह पंचगव्य दीपक गाय के गोबर, गाय के मूत्र, गाय के घी, गाय के मक्खन, दही और विशेष जड़ी बूटियो से बना है जो जलाने से बहुत सकारात्मक ऊर्जा और परिणाम देता हे। यह दीये बुरी ऊर्जा को दूर करते हैं, उसकी जलने वाली जगह के आसपास की विषाक्त हवा को हटाते हैं। लाभ: अपने सभी कर्म, सकारात्मक ऊर्जा, अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे धन और शिक्षा को प्राप्त करने में मदद करता है।
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